कोरोना प्रोटोकॉल खत्म करने का खामियाजा भुगत रहा चीन, अब निमोनिया ने बढ़ाई चिंता

चीन में तेजी से फैल रहे निमोनिया और बड़े पैमाने पर बच्चों के अस्पतालों में भर्ती होने को विशेषज्ञ स्वभाविक मान रहे हैं। दअसल, 2020 में शुरू हुई कोविड महामारी के बाद चीन में यह पहली सर्दी है जब वहां कोविड से जुड़े प्रतिबंध लागू नहीं हैं। इसलिए इस बार सर्दियों में सामान्य रूप से होने वाले निमोनिया के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 में अमेरिका ने जब कोविड प्रतिबंध हटाए थे तो वहां भी सर्दियों में फ्लू के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। कई और देशों में भी इसी प्रकार की स्थिति रही है। इन मामलों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया, इन्फ्लुएंजा तथा कुछ कोरोना के मामले भी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्वभाविक है तथा नये वायरस की आशंका के साथ घबराने की जरूरत नहीं है।

आपको बता दें कि वहां अक्टूबर से ये मामले बढ़ने शुरू हुए थे और यह सिलसिला अभी भी जारी है। चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों को लेकर देश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। चीन में अभी कोविड को लेकर यात्रा, मास्क आदि को लेकर कोई भी प्रतिबंध शेष नहीं है।

इस वजह से जल्दी ठीक नहीं हो रहे रोगी

नेचर की रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों के निमोनिया से ग्रस्त होकर अस्पताल में भर्ती होने की प्रमुख वजह दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल होना है। जिस कारण मरीज जल्दी ठीक नहीं हो रहे हैं और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। 70-90 फीसदी तक प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने का अनुमान है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी चीन की बीमारी पर निगाह रखे हुए है लेकिन अभी तक उसका यही मानना है कि यह सर्दियों में निमोनिया के सामान्य मामले हैं जो कोरोना प्रतिबंध हटने के कारण तेजी से बढ़े हैं। बता दें कि इस बीमारी के अभी एक व्यक्ति के जरिये दूसरे व्यक्ति में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है।

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